बालाघाट के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हॉकफोर्स की एक और बड़ी कार्रवाई, 14 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली को किया ढेर

 

सूपखार के जंगल में हुई मुठभेड़, माओवादियों का एरिया कमेटी मेंबर था मड़काम हिड़मा उर्फ चैतु 

मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में था सक्रिय 

मध्यप्रदेश पुलिस की हॉकफोर्स को एक और बड़ी सफलता मिली है। हॉकफाेर्स ने आसूचना आधारित नक्सल विरोधी अभियान के दौरान 14 दिसंबर को 14 लाख रुपये के इनामी नक्सली मड़काम हिड़मा उर्फ चैतु (लगभग 32-33 वर्ष) निवासी ग्राम पोमरा, थाना मिरतुर, जिला बीजापुर (छत्तीगढ़) को मार गिराया है। यह मुठभेड़ बालाघाट जिले के गढ़ी थाना क्षेत्र के सूपखार के खमकोदादर वन क्षेत्र में हुई। 

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में था सक्रिय :-

हिड़मा, माओवादियों के एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन की जीआरबी (गोंदिया, राजनांदगांव, बालाघाट) डिविजन के एसजेडसीएम (स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर) राजेश उर्फ दामा का विश्वस्त सहयोगी था।  हिड़मा पूर्व में माओवादियों की भैरमगढ़ एरिया कमेटी की चेतना नाट्य मंच तथा प्लाटून का सदस्य रहा है। वह पुलिस बल पर हमले की विभिन्न घटनाओं में शामिल रहा है। माओवाद के विस्तार हेतु इसे दो वर्ष पूर्व एमएमसी जोन में भेजे जाने की सूचनाएं आत्मसमर्पित नक्सलियों से पूछताछ में संज्ञान में आई हैं। मृतक के विरूद्ध दर्ज आपराधिक मामलों की विस्तृत जानकारी बस्तर के विभिन्न जिलों से प्राप्त की जा रही हैं। वहीं, मृतक नक्सली हिड़मा का भाई सीतु मड़काम उर्फ सीतु मुचाकी माओवादियों की भैरमगढ़ एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय प्लाटून नंबर 13 का डिप्टी कमांडर है। 

 

इस साल तीसरी बड़ी कार्रवाई :-

मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों के तहत वर्ष 2023 में तीन बड़ी कार्रवाई की गई हैं। इन कार्रवाइयों में हॉकफोर्स ने 2 महिला नक्सलियों सहित 4 हार्डकोर नक्सलियों को धराशायी किया है। इन सभी नक्सलियों पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 14-14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वर्ष 2023 के अप्रैल में हुई कदला मुठभेड़ में महिला नक्सली सरिता तथा सुनीता, कुंदुल-कोद्दापार जंगल क्षेत्र में सितंबर में हुई नक्सली कमलू को भी धराशायी किया जा चुका है।  वहीं 14 दिसंबर को हॉकफोर्स ने हिड़मा को भी धराशायी कर दिया। बता दें कि अगस्त 2023 में मध्यप्रदेश पुलिस ने जबलपुर शहर से नार्थ बस्तर तथा आरकेबी डिविजन की मास संगठन का प्रभारी एसजेडसीएम अशोक रेड्‌डी उर्फ बलदेव को उसकी पत्नी एसीएम रेमती के साथ गिरफ्तार किया।  

 

विगत 5 वर्षों में 17 नक्सली ढेर  :-

छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में विगत 5 वर्षाें में विभिन्न पुलिस नक्सल मुठभेड़ के दौरान 17 हार्डकोर नक्सली धराशायी किए जा चुके हैं। इनमें 8 महिला नक्सली भी शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 2.68 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। वहीं विगत 5 वर्षों में 5 नक्सलियों ने आत्म समर्पण भी किया है। वर्ष 2022 में डीवीसी स्तर के दो नक्सलियों के साथ चार अन्य नक्सलियों को भी धराशायी किया गया तथा दो एके 47 राइफल भी जब्त की गई। नक्सलियाें के विरुद्ध आक्रामक रणनीति अपनाई गई तथा आसूचना आधारित अभियानों द्वारा टांडा दलम के चार तथा दर्रेकसा दलम के दो, कुल 6 नक्सलियों को धराशायी कर ट्राइ जंक्शन क्षेत्र में नक्सलियों की कमर तोड़ दी गई। मध्यप्रदेश पुलिस के लगातार प्रयासों और अभियानों से नक्सली बैकफुट पर हैं।  

 

नक्सल उन्मूलन के लिए ये उठाए कदम  :-

अंतर्राष्ट्रीय महत्व के कान्हा राष्ट्रीय उ‌द्यान में पर्यटन को बाधित होने से बचाने के लिए पिछले 4 वर्षों में इसके आसपास तथा कोर क्षेत्र में 8 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए। यहां संचालित बड़े नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान वर्तमान तक 7 नक्सलियों को धराशायी तथा दो को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

नक्सल समस्या के उन्मूलन के लिए आक्रामक रणनीति के साथ ही विभिन्न विकास योजनाओें के माध्यम से सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विकास तथा आमजन के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का कार्य भी लगातार किया जा रहा है। 

वर्ष 2021-22 में बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन की सुगमता हेतु 268 किमी की 31 सड़कें तथा 32 पुल-पुलियाओं की स्वीकृति केंंद्र सरकार द्वारा दी गई है। 

संचार विहीन दूरस्थ क्षेत्रों में संचार सुगमता हेतु 16 मोबाइल टावरों का निर्माण किया जा चुका है तथा 28 का निर्माण प्रगति पर है। 

केंद्र सरकार द्वारा क्षेत्र में शिक्षा हेतु 11 एकलव्य आवासीय विद्यालयों की स्वीकृति दी गई है। ये सभी विद्यालय अपनी पूर्ण क्षमता के साथ संचालित हैं। 

माओवादियों को मुख्य धारा में शामिल करने तथा आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए “नवीन नक्सल आत्म समर्पण तथा पुनर्वास नीति” लागू की गई है। इसमें नक्सल हिंसा में मृत आम नागरिकों तथा सुरक्षा बलों हेतु प्रावधानों का भी समावेश किया गया है। 

नक्सल प्रभावित जिलों के नक्सल प्रभावित विकासखंडों के युवाओं को रोजगार प्रदान किए जाने हेतु “विशेष सहयोगी दस्ता” का गठन किया गया है। 

केंद्र सरकार की विशेष केंद्रीय सहायता योजना अंतर्गत सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निवासरत आमजन की सहायता हेतु ग्रामीण सड़कों, पुल-पुलियाओं तथा विद्युत प्रवाह हेतु नवीन लाइनों का निर्माण किया जा रहा है। 

नक्सलियों तक पहुंचने वाली आर्थिक सहायता तथा अवैध धन को रोकने के लिए तेंदुपत्ता तुड़ाई, बांस कटाई एवं लकड़ी कटाई के सीजन में सतत निगरानी एवं अभियानों के कारण उन तक पहुंचने वाले लगभग तीन करोड़ रुपये रोके जाकर, उनके आर्थिक हितों पर चोट की गई 

 

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